
संवाददाता – भूदेवप्रेमी
लखनऊ, उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन एवं इसके सहयोगी निगमों में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के शोषण के खिलाफ आज लखनऊ के इको गार्डन में भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। ‘उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ’ के बैनर तले आयोजित इस प्रदर्शन में प्रदेशभर से हजारों की संख्या में संविदा कर्मचारी जुटे।प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन आउटसोर्सिंग के माध्यम से तकनीकी और जानलेवा कार्य जैसे कि लाइनमैन और उपकेंद्र परिचालन जैसे कार्य गैरकानूनी ढंग से करवा रहा है। संविदा कर्मचारियों के साथ वेतन भुगतान में भारी भेदभाव बरता जा रहा है। सैनिक कल्याण निगम से नियुक्त कर्मचारियों को लगभग ₹30,000 प्रतिमाह का अनुबंध दिया गया है, जबकि निजी ठेकेदारों के माध्यम से काम कर रहे कर्मचारियों को केवल ₹13,000 प्रतिमाह का अनुबंध मिला है।इतना ही नहीं, प्रबंधन द्वारा दिनांक 15 मई 2017 के अपने ही आदेश का उल्लंघन करते हुए, ग्रामीण विद्युत उपकेन्द्रों पर 20 की जगह 12.5 और शहरी उपकेन्द्रों पर 36 की जगह मात्र 18.5 कर्मचारियों को तैनात किया जा रहा है। बाकी कर्मचारियों की छंटनी कर दी गई है और कार्य का पूरा भार ₹9,000 वेतन पाने वाले कर्मचारियों पर डाल दिया गया है। इसके साथ ही उन पर फेशियल अटेंडेंस लगाने का दबाव भी बनाया जा रहा है।संघ के अध्यक्ष देवेंद्र कुमार पांडे ने कहा कि 55 वर्ष की उम्र पार कर चुके कर्मचारियों को बिना किसी बकाया भुगतान के सेवा से हटाया जा रहा है। वहीं, बिजली हादसों में घायल कर्मचारियों का न तो कैशलैस इलाज कराया जा रहा है और न ही किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था दी गई है।संविदा कर्मचारियों की यह नाराजगी अब सड़कों पर दिखाई दे रही है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।अब देखना यह होगा कि क्या पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन इन कर्मचारियों की पीड़ा सुनेगा या यह आंदोलन लंबा खिंचता चला जाएगा।