रिपोर्ट गोपीनाथ रावत
अयोध्या। शहीद भगत सिंह स्मृति ट्रस्ट के तत्वावधान में शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के शहादत दिवस पर एक याद करो कुर्बानी मार्च इंकलाब जिंदाबाद,साम्राज्यवाद मुर्दाबाद, शहीद तेरे अरमानों को मंजिल तक पहुंचाएंगे,आदि गगन भेदी इंकलाबी नारे लगाते हुए शहीद भगतसिंह पार्क पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित करके सभा एवं स्मृति गोष्ठी का आयोजन शहीद भगत सिंह पार्क, सिविल लाइंस में किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता मोहमद जफर ने किया और संचालन युवा शायर मुजम्मिल फिदा ने किया।अवसर पर गोष्ठी को संबोधित करते हुए जनवादी लेखक संघ के सचिव डॉ विशाल श्रीवास्तव ने कहा कि शहीद भगत सिंह सच्चे अर्थों में एक क्रांतिकारी थे, उनके व्यक्तित्व का चिंतक और विचारक रूप भी अत्यंत समृद्ध था। उनका स्वप्न एक समाजवादी और प्रगतिशील भारत का निर्माण था, वे कुछ चुनिंदा लोगों के प्रतिनिधित्व की बजाय समूची जनता के सामूहिक प्रतिनिधित्व की बात करते थे। उन्होंने सांप्रदायिक और पूंजीवादी ताकतों का विरोध करते हुए युवाओं को तार्किक सोच के साथ आगे बढ़ने का आह्वान किया था। अशफाक उल्लाह ख़ान संस्थान के निदेशक सूर्यकांत पांडेय ने कहा कि सांप्रदायिक सरकार के चलते भगत सिंह और उनके विचार अत्यंत प्रासंगिक हैं, अपने एक लेख में उन्होंने इसका ज़िक्र किया है जिससे यह सिद्ध होता है कि वे एक दूरगामी सोच के विचारक थे। एडवोकेट नीरज सिन्हा नीर ने कहा कि आज के इस दौर में भगत सिंह को याद करने के साथ उनके विचारों को आगे बढ़ाने की ज़रूरत है जिसमें युवाओं की बड़ी भूमिका है। एडवोकेट राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि शहीदों के व्यक्तित्व हमेशा समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत होते हैं, भगत सिंह सदैव हमारे लिए ऊर्जा का स्रोत बने रहेंगे। इससे पहले ट्रस्ट के सचिव सत्यभान सिंह जनवादी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि भगत सिंह एक महान क्रांतिकारी होने के साथ साथ एक महत्वपूर्ण सामाजिक चिंतक भी थे। उन्होंने भारत के भविष्य की पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली थी, यह दुर्भाग्य ही था कि उन्हें इतना अल्प जीवन मिला। जनवादी लेखक संघ के अध्यक्ष मो ज़फ़र ने भगत सिंह को साम्प्रदायिक सद्भाव का प्रणेता बताया। कवयित्री-गीतकार ऊष्मा वर्मा ने भगत सिंह को आज़ादी की लड़ाई का निर्णायक योद्धा बताते हुए कहा कि वे अत्यंत परिपक्व क्रांतिकारी थे। युवा कवयित्री पूजा श्रीवास्तव ने भगत सिंह के जीवन को एक महाकाव्य की संज्ञा दी।मार्च में महावीर पाल,रजनी सिंह,मालती तिवारी,नीतू द्विवेदी,मीरा मिश्रा,वरिष्ठ कवि मोतीलाल तिवारी,शैलेन्द्र कुमार,सुधीर श्रीवास्तव,राजेश कुमार ,ममता सिंह, रीना शर्मा,धीरज द्विवेदी,आनंद सिंह,गंगाराम, डॉ संतोष गर्ग,सरिता गुप्ता,सहित सैकड़ों साथी मौजूद रहे।