रिपोर्ट भूदेव सिंह
लखनऊ बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया है। इस फैसले की सबसे बड़ी वजह आकाश आनंद की पत्नी को माना जा रहा है, जो पूर्व BSP सांसद अशोक सिद्धार्थ की बेटी हैं। मायावती को आशंका थी कि आकाश की पत्नी अपने पिता के प्रभाव में आकर पार्टी के फैसलों को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे BSP की रीति-नीति पर असर पड़ सकता था।BSP के अंदरूनी समीकरण और शक्ति संतुलन -BSP में नेतृत्व हमेशा मायावती के पूर्ण नियंत्रण में रहा है। उन्होंने पार्टी की नीति और फैसलों में किसी भी बाहरी प्रभाव को स्वीकार नहीं किया है। आकाश आनंद को पार्टी में उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा था और वे पिछले कुछ वर्षों में BSP के प्रमुख चेहरे बनते जा रहे थे। लेकिन मायावती की यह कार्रवाई यह दिखाती है कि वे पार्टी में अपने सिद्धांतों से कोई समझौता नहीं करना चाहतीं।क्या इससे BSP कमजोर होगी?इस फैसले के बाद BSP में अंदरूनी कलह बढ़ सकती है। आकाश आनंद को पार्टी में युवा चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट किया जा रहा था और वे डिजिटल व सोशल मीडिया पर पार्टी की छवि को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा रहे थे। उनका हटना BSP के भविष्य की रणनीति को प्रभावित कर सकता है।BSP की भविष्य की रणनीति -मायावती का यह कदम बताता है कि वे पारिवारिक राजनीति से खुद को अलग रखना चाहती हैं। इससे BSP को एक सख्त और अनुशासित दल के रूप में पेश किया जा सकता है, लेकिन यह भी सवाल उठता है कि क्या पार्टी बिना किसी मजबूत उत्तराधिकारी के लंबी दौड़ में टिक पाएगी?निष्कर्ष -आकाश आनंद की विदाई से BSP में बदलाव की बयार दिख रही है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि मायावती अब पार्टी को किस दिशा में ले जाती हैं और आने वाले चुनावों में यह फैसला BSP की सियासी रणनीति को कैसे प्रभावित करता है।