अयोध्या(ब्यूरो चीफ -फूलचन्द्र) जिले के बीकापुर तहसील क्षेत्र अंतर्गत रामलीला मैदान तोरो माफी बीकापुर में आयोजित किए जा रहे 11 दिवसीय रामलीला मंचन एवं दशहरा महोत्सव का शनिवार को पारंपरिक मेला और शाम को रावण पुतला दहन के साथ समापन हो गया। रामलीला समिति द्वारा आयोजित किया जा रहे रामलीला मंचन के आखिरी दिन रामलीला मैदान में स्थानीय कलाकारों द्वारा रावण अंगद संवाद, लक्ष्मण शक्ति कुंभकरण मेघनाथ अहिरावण और रावण वध की लीलाओं का भावपूर्ण मंचन किया गया। रामलीला मंचन के आखिरी दिन मुख्य अतिथि समाजसेवी एवं प्रधान प्रतिनिधि अहमद रजा द्वारा फीता काट करके रामलीला मंचन का शुभारंभ कराया गया। अपने संबोधन में उन्होंने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम जी के आदर्श जीवन चरित्र एवं रामायण के आदर्श पात्रों से सामाजिक सीख लेने की बात कही। कहा कि यहां की रामलीला आपसी भाईचारा और सौहार्द का प्रतीत है। भगवान राम ने सामाजिक समरसता का उदाहरण पेश किया है। रामलीला का मंचन हमें असत्य पर सत्य की जीत की शिक्षा देता है। रामलीला मंचन में अहिरावण एवं रावण वध का प्रसंग काफी रोचक रहा। इस मौके पर रामलीला समिति के अध्यक्ष परशुराम मौर्य, उपाध्यक्ष सत्यदेव मिश्रा, कोषाध्यक्ष गोलू पांडे, डायरेक्टर चिरौजी लाल, कृष्णा सोनी, अजमत खान, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य अवधेश उपाध्याय, गुड्डू सहित रामलीला समिति से जुड़े लोग और तमाम दर्शक मौजूद रहे। अध्यक्ष परशुराम मौर्य ने बताया कि यहां की रामलीला बीकापुर क्षेत्र की सबसे पुरानी रामलीला में से एक है। सैकड़ो बरसों से दशहरा महोत्सव रामलीला मंचन और मेला का आयोजन हो रहा है।