ब्यूरो रिपोर्ट अयोध्या
अयोध्या। के० एम० शुगर मिल मसौधा द्वारा बाहरी जनपदों के गन्ना खरीदने के कारण स्थानीय किसानों का गन्ना नहीं बिक पा रहा है और आपूर्ति कैलेंडर भी नहीं बढ़ रहा है जिसके कारण गन्ना किसान परेशान हैं और गेहूं की बुवाई से वंचित हो रहे हैं। उक्त आरोप भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव घनश्याम वर्मा लगाते हुए कहा कि चीनी मिल छ: माह लगातार चलाने की योजना के तहत गन्ना आपूर्ति कैलेंडर को 12 पखवारा(पक्ष) और एक पखवारे में 15 कालम आवंटित किए जाते हैं एक कालम (एक दिन) में मिल की पेराई क्षमता के अनुसार ही गन्ना आपूर्ति हेतु आपूर्ति पर्ची जारी की जाती है यदि स्थानीय स्तर पर अथवा जिले स्तर पर उत्पादित गन्ना से चीनी मिल ०6 माह से पूर्व ही बंद होने की संभावना रहती है तो बाहरी जनपदों से भी गन्ना आपूर्ति हेतु गन्ना क्रय केंद्र आवंटित किए जाते हैं जब चीनी मिलों की प्रतिदिन पेराई क्षमता के अनुसार ही एक कालम में सप्लाई पर्ची निर्धारित की जाती हैं तो एक कालम एक दिन में क्यों नहीं पूर्ण होता है बड़ा सवाल है? के० एम० सुगर मिल पूरे शान से चल रही है कोई तकनीकी खराबी भी नहीं आई। ऐसी स्थिति में एक कालम एक दिन में ही पूर्ण होना चाहिए। परंतु ऐसा नहीं हो रहा है एक कालम पूर्ण होने में कम से कम 5- 6 दिन लग रहे हैं जिसके कारण गन्ना किसानों को गन्ना आपूर्ति पर्ची नहीं मिल पा रही है और गन्ना खेत में खड़ा है। काफी किसान गन्ना बेचकर गेहूं की बुवाई करते हैं गन्ना न बिक पाने के कारण गेहूं की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। घनश्याम वर्मा ने जिला अधिकारी अयोध्या तथा जिला गन्ना अधिकारी अयोध्या से मांग किया है कि गन्ना किसानों की संख्या के अनुसार गन्ना विकास समितियों को इंडेंट दिए जाएं इंडेंट देने में किसी प्रकार की से भेदभाव ना किया जाय। और कम से कम जनवरी माह तक जनपदों के बाहर का गन्ना ना खरीदा जाए।