रिपोर्ट धर्मेंद्र कुमार
दिल्ली विश्वविद्यालय में हॉस्टल की मारामारी, पीजी तलाश में छात्रों के छूटे पसीनेदिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होते ही हॉस्टल आवंटन को लेकर हंगामा मचा हुआ है। सीमित सीटों और हजारों आवेदकों के बीच प्रतिस्पर्धा इतनी तीव्र है कि कई छात्रों को मजबूरन पीजी और किराये के मकानों की तलाश करनी पड़ रही है।विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में हॉस्टल सीटें कुल छात्रों का मुश्किल से 10–15% ही कवर करती हैं, जबकि इस साल एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या लाखों में है। परिणामस्वरूप, हॉस्टल सूची से बाहर रह गए छात्रों को आस-पास के इलाकों – विजय नगर, हडसन लेन, कमला नगर और मॉडल टाउन – में पीजी और फ्लैट ढूंढने की भागदौड़ करनी पड़ रही है।पीजी मालिकों ने भी इस मांग का फायदा उठाते हुए किराए में 20–30% तक इजाफा कर दिया है। कई छात्रों ने शिकायत की कि बढ़े हुए किराए, एडवांस डिपॉजिट और अतिरिक्त सुविधाओं के नाम पर मोटी रकम मांगी जा रही है।छात्र संगठनों ने DU प्रशासन से मांग की है कि हॉस्टल की सीटें बढ़ाई जाएं, पारदर्शी आवंटन प्रक्रिया अपनाई जाए और किराया नियंत्रण को लेकर स्थानीय प्रशासन से बात की जाए। वहीं, कई छात्र मानते हैं कि अगर स्थिति पर जल्द नियंत्रण नहीं हुआ, तो यह पढ़ाई से ज्यादा रहने की जद्दोजहद बन जाएगी।