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राजस्व परिषद अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के आदेश पर जांच शुरू

मिल्कीपुर अयोध्या आपसी सांठगांठ कर अपात्रों को सरकारी जमीन पर 67ए का लाभ देने के मामले में राजस्व परिषद के अध्यक्ष के आदेश के बाद जांच शुरू होने से इस गोरखधंधे में लिप्त राजस्व कर्मचारियों पर खतरे की तलवार लटक रही है।प्रकरण मिल्कीपुर तहसील के बकचुना गाँव का बताया गया है।अयोध्या जिले के बहुचर्चित मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत बकचुना गांव निवासी उमेश तिवारी पुत्र कृष्ण कुमार तिवारी ने कई वर्षों से न्याय की आस में अधिकारियों की चौखट पर एड़ियां रगड़ रहे है लेकिन न्याय नहीं मिला सिर्फ कागजों पर आश्वासन मिलता रहा। बताते चलें कि बकचुना गांव में तत्कालीन लेखपाल ज्ञान प्रकाश द्विवेदी राजस्व निरीक्षक भोलानाथ शर्मा व ग्राम प्रधान राजेश यादव के द्वारा आपसी साठ गांठ करके अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ग्राम प्रधान ने अपनी सगी भौजाई चिमना देवी व शिव कुमारी को गलत ढंग से धारा 67 ए का लाभ दे दिया था। जिसकी शिकायत कई वर्षों से की जा रही है पीड़ित उमेश तिवारी ने राजस्व परिषद अध्यक्ष उत्तर प्रदेश लखनऊ को लिखित प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया है कि जिस गाटा संख्या पर ग्राम प्रधान की सगी भौजाई को धारा 67 ए का लाभ दिया गया था उस समय वह गाटा संख्या 1033 पर ग्राम प्रधान के पिता राम बक्श पुत्र राम सेवक के नाम भू संक्रमणीय भूमि दर्ज थी। दौरान चकबंदी 1033 पुराना गाटा संख्या में से 0.100 है0 भूमि काटकर सामान्य आबादी के खाते में दर्ज की गई जिसका नया गाता संख्या 1580 बना है। चकबंदी प्रक्रिया के अंतर्गत आरक्षित भूमि के सापेक्ष लगान व मूल्यांकन की भूमि चक में प्रस्तावित की गई जिस समय उक्त भूमि नवीन परती के खाते में दर्ज की गई उस समय उक्त भूमि पर कोई निर्माण नहीं था। लाभार्थी के सगे देवर तत्कालीन ग्राम प्रधान थे लाभार्थी के पति / ससुर के नाम दो ग्राम सभा बकचुना व भखौली में काफी जमीन दर्ज थी ग्राम प्रधान ने जिला अधिकारी अयोध्या के अनुमति के बिना अपने सगे संबंधी को लाभ नहीं दे सकते। जिसका वाद उप जिला अधिकारी मिल्कीपुर के यहां चल रहा था, पूर्व में रहे उप जिलाधिकारी मिल्कीपुर राजीव रतन सिंह ने बलहीन होने के कारण धारा 67 ए को निरस्त कर दिया था।उसके बाद पीड़ित ने जिलाधिकारी अयोध्या व उप जिला अधिकारी मिल्कीपुर को शिकायती प्रार्थना पत्र देते हुए तत्कालीन लेखपाल ज्ञान प्रकाश द्विवेदी राजस्व निरीक्षक भोलानाथ शर्मा व ग्राम प्रधान राजेश यादव के खिलाफ प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने हेतु दे चुका है जिस पर उप जिलाधिकारी मिल्कीपुर सुधीर कुमार ने पीड़ित को ही जेल भेजने की धमकी दे डाली। धमकी मिलने पर पीड़ित उमेश तिवारी ने राजस्व परिषद अध्यक्ष उत्तर प्रदेश लखनऊ को लिखित प्रार्थना पत्र देकर न्याय की मांग की है। जबकि शासनादेशानुसार बगैर मजिस्ट्रेट के जांच करना और आख्या प्रेषित करना विधि मान्य नहीं है। मामले की जांच कर रहे नायब तहसीलदार मिल्कीपुर मुनि मन रंजन वर्मा ने बताया कि मामला संज्ञान में जल्द ही उचित जांच कर राजस्व परिषद को भेज दी जायेगी। बताते चलें की उपजिलाधिकारी मिल्कीपुर द्वारा उपरोक्त के क्रम में धारा 67ए का लाभ उठाने वाले खतौनी धारक का आदेश पहले ही निरस्त किया जा चुका है। और सम्बंधित राजस्व कर्मचारियों का स्थानांतरण भी हो चुका है। जांच शुरू होने के बाद तहसील परिसर में चर्चाओं का बाजार गर्म है।

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