रिपोर्ट बृजेश पाल सिंह
बरेली बवाल के मामले में जेल भेजे गए नफीस और नदीम के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा लियाकत की तहरीर पर दर्ज हुआ है। आरोप है कि दोनों आरोपियों ने बवाल से पहले जो पत्र पुलिस प्रशासन को दिया था, उसमें उसके फर्जी दस्तखत किए गए थे।बरेली में 26 सितंबर को हुए बवाल के मामले में जेल भेजे गए आरोपी नफीस खान और नदीम खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दोनों के खिलाफ रविवार की देर रात कोतवाली में जालसाजी सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है। इज्जतनगर थाना क्षेत्र के फरीदापुर चौधरी निवासी लियाकत की तहरीर पर यह कार्रवाई की गई है।लियाकत ने पुलिस को बताया कि आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने 26 सितंबर को लोगों को धरना देने के लिए इस्लामिया मैदान बुलाया था। इससे पहले 25 सितंबर की रात बिहारीपुर करोलान निवासी नदीम खान और कंघी टोला निवासी नफीस खान ने साजिशन उनके फर्जी हस्ताक्षर से पत्रक तैयार किया था। उसे आईएमसी का आधिकारिक पत्रक बताते हुए पुलिस-प्रशासन को यह कह कर दिया था कि इस 26 सितंबर को इस्लामिया मैदान में मौलाना तौकीर ने धरना-प्रदर्शन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। उस पत्रक से पुलिस-प्रशासन गुमराह हुआ।लियाकत ने कहा कि आईएमसी से उनका न तो कोई नाता है, न ही वह उसके कार्यकर्ता या पदाधिकारी हैं। 26 सितंबर को वह अपने गांव में मौजूद थे। उनके गांव से भी कोई व्यक्ति मौलाना तौकीर के बुलावे पर इस्लामिया मैदान नहीं गया था। नदीम और नफीस ने उनके नाम का दुरुपयोग किया है। इंस्पेक्टर कोतवाली अमित कुमार पांडेय ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू करा दी गई है। मुकदमे के दोनों आरोपी फिलहाल जेल में हैं।मौलाना के खिलाफ दर्ज 11 पुराने केस की सुनवाई में आएगी तेजीशहर में 26 सितंबर को हुए बवाल से पहले मौलाना तौकीर रजा खां के खिलाफ बरेली और मुरादाबाद में 11 मुकदमे दर्ज थे। इनमें से वर्ष 2010 के दंगों से संबंधित मुकदमे की कार्यवाही पर उच्चतम न्यायालय से स्थगन आदेश जारी है। जबकि, वर्ष 2019 में कोतवाली में दर्ज एक मुकदमे की विवेचना ही पूरी नहीं हुई है।एसएसपी अनुराग आर्य ने कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक को निर्देशित किया है कि 2019 के मुकदमे की विवेचना जल्द पूरी कर चार्जशीट दाखिल कराएं। मॉनिटरिंग सेल को निर्देशित किया है कि मौलाना के खिलाफ दर्ज पुराने मुकदमों की अदालत में प्रभावी तरीके से पैरवी की जाए। गवाहों की गवाही सहित अन्य प्रक्रिया को जल्द पूरा कराया जाए।