मैनपुरी – जिला निर्वाचन अधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने सुदिति ग्लोबल एकैडेमी में मतदान कार्मिकों के द्वितीय प्रशिक्षण सत्र के दौरान कार्मिकों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहे मास्टर ट्रेनर से कहा कि मतदान कार्मिकों के प्रशिक्षण के दौरान खासतौर पर पीठासीन अधिकारियों को मॉक-पोल, मतदान के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी दें, किसी भी पीठासीन, मतदान अधिकारी के मन में किसी भी प्रक्रिया को लेकर कोई भ्रम न रहें। उन्होने मास्टर ट्रेनर से कहा कि कंट्रोल यूनिट, वैलेट यूनिट, वी.वी. पैट किस दशा में बदले जायेंगे, कितने स्थान पर सील होंगे, कहाँ पर किस रंग की सील लगेगी, ई.वी.एम. सैट कोमतदान प्रक्रिया को सम्पन्न कराने के लिए लाने-ले जाने में किस प्रकार की सावधानी बरती जाये, वी.वी. पैट को तेज प्रकाश, धूप में न रखा जाये आदि के बारे में भली-भांति जागरूक करें। उन्होने कहा कि मतदान के दिन अधिकांश समस्याएं इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के संचालन को लेकर उत्पन्न होती हैं, मतदान कार्मिकों में जानकारी के आभाव में इस प्रकार की समस्याएं होती हैं यदि कार्मिक सही ढंग से प्रक्रिया समझेंगे, मानक के अनुसार मॉक-पोल की प्रकिया सम्पन्न करायेंगे, सी.यू. वी.यू. वी.वी. पैट को आपस में सही प्रकार से कनेक्ट करेंगे तो इस प्रकार की सभी समस्याओं से निजात मिलेगी और मतदान प्रक्रिया निर्विघ्न रूप से शांतिपूर्ण वातावरण में सम्पन्नहोगी।जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि मतदान प्रक्रिया को शान्तिपूर्ण, निष्पक्ष, स्वतंत्ररूप से सम्पन्न कराने के लिये सबसे अहम भूमिका पीठासीन अधिकारी, मतदान कार्मिकों को निभानी है, इसलिए मतदान के दिन होने वाली विभिन्न गतिविधियों, सामान्य कार्यों, ई.वी.एम. संचालन, लिफाफे पेकिंग, सीलिंग, मतदान अभिकर्ताओं के दायित्वों आदि के बारे में प्रत्येक मतदान कार्मिक को जानकारी होना आवश्यक है, मतदान कार्मिकों की लापरवाही, ई.वी.एम. के कनेक्ट करने में बरती गयी कोताही मतदान प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है. इसलिए सभी मास्टर ट्रेनर्स पीठासीन, मतदान अधिकारियों को प्रत्येक गतिविधि से बाकिफ करा दें, बार-बार कंट्रोल यूनिट, वेलिट यूनिट, वी.वी. पैट को आपस में कनेक्ट कराकर देखें, मतदान कार्मिक अपने दायित्वों के प्रति जितने सजग होंगे, मतदान प्रकिया उतनी ही आसानी से सम्पन्न होगी। उन्होने प्रशिक्षण प्रदान कर रहे मास्टर ट्रेनर्स से कहा कि पीठासीन अधिकारियों को मॉक-पोल कराने के लिए प्रत्येक प्रशिक्षण में बार-बार बताएं, मॉक पोल के दौरान प्रत्येक प्रत्याशी, नोटा के पक्ष में 10-10 मत अवश्य डलवाकर देखे जायें, मॉक पोल प्रक्रिया के उपरांत ई.वी.एम. को क्लियर करने के उपरांत मतदान प्रक्रिया प्रारंभ कराई जाए, पीठासीन अधिकारियों को चैलेंज, टेंडर वोट के बारे में भली-भांति जानकारी दें, चैलेंज मत की प्रकिया के बारे में विस्तार से बतायें।मुख्य विकास अधिकारी, प्रभारी अधिकारी कार्मिक नेहा बंधु ने प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे पीठासीन, मतदान अधिकारियों से कहा कि यदि मतदान प्रक्रिया के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन खराब होने पर घबराएं नहीं बल्कि धैर्य रखें, उसके कनेक्शन दोबारा करें, कोई बटन, स्विच ढीला होने के कारण मशीन का सही प्रकार से संचालन नहीं होता इसलिए सभी कार्मिक तीनों मशीनों को आपस में भली-भांति कनेक्ट करने की विधि को अच्छी तरह समझ लें यदि वास्तविक मतदान के दौरान ई.वी.एम. में कोई कमी आये तो पूरा सैट बदला जाये और पुनः 01-01 मत डालकर मॉक-पोल की प्रक्रिया की जाये। उन्होंने कहा कि पीठासीन, मतदान अधिकारी अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी, निष्पक्षता के साथ करें, ऐसा कोई कृत्य न करें जिससे सत्यनिष्ठा पर सवाल उठे, सभी कार्मिक निष्पक्ष रहकर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित कराते हुए मतदान प्रक्रिया को शांतिपूर्ण, निष्पक्ष एवं स्वतंत्र माहौल मेंसंपन्न करायें।इस दौरान उप जिलाधिकारी कुरावली राम नारायण, जिला विकास अधिकारी अजय कुमार, उपायुक्त एन.आर.एल.एम. शौकत अली, परियोजना निदेशक सत्येन्द्र कुमार, बंदोवस्त अधिकारी चकबंदी भूपेन्द्र सिंह कुटियाल, आचार्य क्षेत्रीय ग्राम्य विकास संस्थान एस.के. शंखवार, सुदिति ग्लोबल के प्रबन्ध निदेशक डा. राम मोहन, लव मोहन आदि उपस्थित रहे।
मास्टर ट्रेनर मतदान कार्मिकों को बेहतर ढंग से करें प्रशिक्षित ताकि मतदान के दौरान किसी के मन में कोई संशय न रहे-जिला निर्वाचन अधिकारी
Sourceरिपोर्ट अवनीश कुमार