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मखदूम साहब” का 609वाँ उर्स शुरू, जायरीनों की बड़ी आमद

रुदौली अयोध्या रुदौली में स्थित साबरी सिलसिले के महान सूफ़ी संत हज़रत शैख अहमद अब्दुल हक़ (मखदूम साहब) का 609 वाँ उर्स शुरू हो गया है। यूं तो उर्स चांद नजर आते ही शुरू हो जाता है। 11 दिनों तक दरगाह शरीफ के अंदर सज्जादा नशीन मुतवल्ली शाह अम्मार अहमद अहमदी नय्यर मियां की अध्यक्षता में महफिल-ए-समा (कव्वाली) लगातार होती रहती है । उर्स की शुरुआत से दो महीने पहले से ही उर्स की तैयारी शुरू हो जाती है दरगाह शरीफ, खानकाह, मस्जिद में पेंटिंग, लाइटिंग उर्स के सारे इंतज़ाम जायरीनों के लिए लंगर, ठहरने की व्यवस्था सज्जादा नशीन नय्यर मियां द्वारा कराई जाती। नय्यर मियां ने बताया कि इस उर्स में देश के कोने कोने से जायरीन श्रद्धालु आते हैं जिसमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश के तमाम शहरों से लोग आकर उर्स में शरीक होते हैं। ज्ञात हो कि उर्स के प्रमुख कार्यक्रम 4 दिन होते हैं 4 दिसम्बर को महफिल ए समा कव्वाली दरगाह शरीफ के अंदर हुई जो रात 1 बजे तक चली। आज 5 दिसंबर को  मस्जिद दरगाह शरीफ में मुफ्ती अमजद अली वारसी मिस्बाही का खिताब होगा। खानकाह मखदूम साहब में रात 9.30 बजे से महफिल ए समा कव्वाली होगी जिसमें देश के बड़े कव्वाल सूफ़ी कलाम पेश कर अपनी अकीदत का इजहार करेंगे। कल 6 दिसम्बर  दिन में 2 बजे खानकाह शेख उल आलम अलैहिर्रहमा में महफिल ए समा कव्वाली के बाद शाम 5.30 बजे दरगाह शरीफ में सज्जादा नशीन नय्यर मियां द्वारा दीप जला कर चरागदान की रस्म अदा की जाएगी। रात 9.30 बजे महफिल ए समा कव्वाली और क़ुतुब ए आलम हज़रत अब्दुल क़ुद्दूस रुदौलवी गंगोही की महत्वपूर्ण किताब अनवारूल उयुन फि असरारिलमकनून  का दूसरा एडिशन फैजान ए शेख उल आलम नंबर का विमोचन किया जाएगा। 7 दिसंबर सुबह 5 बजे पहला कुल शरीफ होगा उसके बाद 5.30 बजे मखदूम साहब की मजार को सज्जादा नशीन नय्यर मियां द्वारा इत्र और केवड़ा मजार शरीफ पर लगा कर गुस्ल की रस्म अदा की जाएगी। दोपहर 2 बजे खिरके शरीफ की महफिल होगी उसके बाद सज्जादा नशीन नय्यर मियां द्वारा शेख अहमद अब्दुल हक़ मखदूम साहब के पवित्र वस्त्र खिरका बुजुर्गों के तबर्रुकात की जियारत कराए जाने के साथ उर्स सम्पन्न हो जाएगा सबसे अधिक भीड़ उर्स के इस अंतिम दिन 7 दिसंबर दिन रविवार को होगी जिसमें क्षेत्रीय और बाहरी श्रद्धालुओं की भीड़ काफी बड़ी संख्या में होती है।

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