
*अयोध्या : जालसाज ने कम्प्युटर खतौनी प्रभारी की मिली भगत से ग्रामीण की खतौनी मे दर्ज करवा दिया अपना नाम, भ्रष्टाचार का नंंगा नाच कर रहे हैं तहसीलकर्मी नही है कानून का भय**न्यायालय ने तत्काल अपराध पंजीकृत करने का दिया आदेश*मामला जनपद की ग्राम सभा बरईपारा से जुड़ा है पीड़ित दुर्गेश ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ( CJM) को दिये अपने प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 173(4) बी० एन० एस० एस० मे बताया कि ग्राम सभा की गाटा संख्या 834 मि० में उनकी माता इंद्रावती और भाई बृजेश कुमार के साथ उनका नाम संक्रमणीय भूमिधर के रूप मे दर्ज है जालसाज राजेंद्र ने कम्प्युटर खतौनी प्रभारी को भ्रष्टाचार के माध्यम से अनैतिक सहयोग प्राप्त किया और पीड़ित ग्रामीण की खतौनी गाटा संख्या 834 मि० मे अपना दर्ज करवा दिया, पीड़ित ने जब तहसील से अपनी खतौनी निकलवाई तो उनके होश फाख्ता हो गए और पूरे मामले की उसे जानकारी हुई, पीड़ित ने न्यायालय मे प्रार्थना पत्र दिया तो न्यायालय ने एसडीएम सदर से रिपोर्ट तलब की जिसमें बताया गया कि बिना किसी आदेश के उक्त गाटा संख्या मे विपक्षी राजेंद्र का वास्तविकता मे दर्ज हो गया है जो कि लिपकीय त्रुटि वश हुआ है लेकिन न्यायालय ने इस तर्क को उचित माना कि उक्त अपराध लिपकीय त्रुटि मात्र है या सुनियोजित साजिश यह जांच का विषय है मामले मे न्यायालय द्वारा कोतवाली नगर पुलिस को विपक्षी राजेंद्र और उनके सहयोगियों पर तत्काल एफआईआर दर्ज कर जांच के आदेश दिये गए है