मैनपुरी – जिलाधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि नियमित एग्रीस्टैक कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के अन्तर्गत फार्मर रजिस्ट्री के कार्यों की समीक्षा करने पर पाया गया कि जनपद में फार्मर रजिस्ट्री के कार्यों की प्रगति संतोषजनक नहीं है, उप कृषि निदेशक एवं उनके अधीनस्थ कर्मियों द्वारा इस कार्य में रूचि नहीं जा रही है, जिसके फलस्वरूप जनपद फार्मर रजिस्ट्री कार्य में प्रदेश में 59वें स्थान पर हैं। उन्होने असंतोष व्यक्त करते हुये कहा कि बार-बार निर्देशों के बाद भी फार्मर रजिस्ट्री के कार्य में प्रगति नहीं हो रही है, इस कार्य को युद्ध स्तर पर कराने के लिए ग्राम स्तरीय समस्त कार्मिकों का सहयोग लेते हुए फार्मर रजिस्ट्री के कार्यों में तेजी लायी जाये, जनपद के प्रत्येक जन सुविधा केन्द्र पर उप जिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी से समन्वय स्थापित करते हुए लेखपाल, सचिव की ड्यूटी लगायी जाये, जो प्रतिदिन अपने क्षेत्र में किसानों को जन सुविधा केन्द्र तक लाकर उनके फार्मर रजिस्ट्री सुनिश्चित करायें। उन्होने कहा कि प्रत्येक सी.एस.सी. पर एक कार्मिक, लेखपाल अथवा सचिव, की ड्यूटी लगायी जाये और उस जन सुविधा केन्द्र पर फार्मर रजिस्ट्री कराने का दायित्व संबंधित कार्मिक को सौंपा जाये, जन सुविधा केन्द्रों तक किसानों को लाने की जिम्मेदारी रोजगार सेवक, पंचायत सहायक, उचित दर विक्रेता एवं संबंधित तकनीकी सहायक की होगी। उन्होने कहा कि जन सुविधा केन्द्र पर लगाये गये कार्मिक यदि ग्राम के किसानों को सी.एस.सी. तक नहीं लायें और उनके द्वारा कृषकों को यथोचित सुविधा प्रदान न की जाये तो संबंधित कार्मिक के विरूद्ध कार्यवाही हेतु रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी को भेजी जाये। उन्होने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देशित करते हुये कहा कि उचित दर विक्रेताओं के माध्यम से अधिकाधिक किसानों को जन सुविधा केन्द्रों पर पहुंचाने का दायित्व सौंपा जाये। उन्होने ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर, जिला प्रबन्धक सी.एस.सी. को आदेशित करते हुये कहा कि सभी जन सुविधा केन्द्र अपना कम्प्यूटर, लेपटॉप मय नेटवर्क एवं बायोमेट्रिक डिवाइस तैयार रखें तथा प्रत्येक कार्य दिवस में कम से कम 50 फार्मर रजिस्ट्री अवश्य करायें, यदि किसी जन सुविधा केन्द्र पर फार्मर रजिस्ट्री का कार्य सुचारू रूप से न किया जाये तो उसके विरूद्ध कार्यवाही हेतु ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर तत्काल प्रस्ताव रखें और तद्नुसार संबंधित जन सेवा केन्द्र के विरूद्ध कार्यवाही की जाये। श्री सिंह ने कहा कि मुख्य विकास अधिकारी द्वारा उप निदेशक कृषि एवं उनके अधीनस्थ कार्मिकों को इस कार्य में यथोचित प्रकार से लगाया जायेगा और उनकी प्रतिदिन समीक्षा की जाये, लेखपालों या सचिवों द्वारा बरती गयी शिथिलता के लिए क्रमशः उप जिला मजिस्ट्रेट एवं खण्ड विकास अधिकारी पर्यवेक्षणीय शिथिलता के दोषी माने जायेंगे। उन्होने बताया कि ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिवों, उप कृषि निदेशक के कार्मिकों के द्वारा किए जा रहे फार्मर रजिस्ट्री के कार्यों की समीक्षा हेतु मुख्य विकास अधिकारी तथा लेखपाल द्वारा किए जा रहे फार्मर रजिस्ट्री के कार्यों की समीक्षा हेतु अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) नोडल अधिकारी होंगे, जो प्रतिदिन फार्मर रजिस्ट्री के कार्यों की प्रगति समीक्षा करते हुए स्थिति से अधोहस्ताक्षरी को अवगत करायेंगे।