मैनपुरी- उप कृषि निदेशक ने बताया कि वर्तमान में कृषकों की भूमि को आधार से लिंक कर उसकी आई.डी. बनाने की कार्यवाही ग्राम स्तर पर क्षेत्रीय कार्मिकों, जन सुविधा केन्द्रों के माध्यम से की जा रही है, जिसे फार्मर रजिस्ट्री नाम दिया गया है, उक्त रजिस्ट्री के उपरांत कृषकों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पादन की खरीद, राज्य के वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद का अनुमान, कृषकों को संस्थागत खरीददारांे से जोड़ने का अवसर, कृषि इनपुट सप्लायर के साथ कृषकों को जोडने का अवसर, फसली ऋण एवं फसल बीमा की क्षतिपूर्ति तथा आपदा राहत प्राप्त करने में सुगमता, कृषकों का समय से वांछित परामर्श विभिन्न संस्थाओं द्वारा कृषकों से सम्पर्क के अवसर, फार्मर रजिस्ट्री का प्रयोग कृषि के साथ-साथ अन्य सम्बन्धित विभाग जिसमें गन्ना, उद्यान, मत्स्य, खाद्य एवं विपणन आदि के द्वारा अपनी योजनाओं का लाभ प्रदान हेतु किया जा सकेगा तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कृषि उत्पाद के विपणन में सुगमता, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के अन्तर्गत किश्त प्राप्त करने हेतु अनिवार्यता की शर्त पूर्ण कर लाभ प्राप्त करने में सुगमता होगी। उन्होने कृषकों से कहा कि फार्मर रजिस्ट्री हेतु आधार कार्ड, खतौनी की छायाप्रति, आधार पर पंजीकृत मोबाइल नम्बर के साथ सेल्फ मोड मोबाइल एप के माध्यम से स्वयं की जा सकती है, इसके अलावा सहायक, कैम्प मोड-मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से प्रशासकीय विभागों यथा कृषि, राजस्व के क्षेत्रीय कर्मचारियों के माध्यम से अथवा जनसेवा केन्द्रों के माध्यम से करायी जा सकती है। उन्होने कृषकों को सूचित करते हुये कहा है कि यथाशीघ्र अपने फार्मर रजिस्ट्री पूर्ण करा लें अन्यथा की दशा में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की आगामी किश्त रोक दी जायेगी।